Madhubun Bal Ramayana

319.00

रामायण महाकाव्य भारतीय संस्कृति का मूल स्रोत माना जाता है। साहित्यिक दृष्‍टि से यह विश्‍व साहित्य की अनमोल रचना है। इसपर धारावाहिक और फ़िल्मों का भी निर्माण हो चुका है। विश्‍व की अनेक भाषाओं में इस कथा का अनुवाद हो चुका है। रामायण में तत्कालीन समाज के रीतिरिवाजों और शासन पद्धति का वर्णन किया गया है। शाश्‍वत मूल्यों के विकास में रामायण की महत्‍ता आज भी उतनी है जितनी प्राचीनकाल में थी। ‌बालक-बालिकाओं के सर्वांगीण विकास और शाश्‍वत मूल्यों की महत्‍ता के कारण बाल रामायण की रचना की गई है। बाल रामायण में कथा को सरल, सरस रूप में इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि किशोरवय के बालक-बालिकाएँ सहज ढंग से इसे प्राप्‍त कर सकें। इसमें स्‍थान-स्‍थान पर तुलसीदास कृत चौपाइयाँ भी हैं ताकि भाषा में रुचि जाग्रत हो।

Madhubun Bal Ramayana
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