Madhubun Bal Mahabharata

365.00

ऋषि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत भी रामायण की तरह विश्‍वसाहित्य की अमूल्य कृति है। इसमें वर्णित भारतीय सभ्यता और संस्कृति आज के जीवन में भी प्रासंगिक हैं। महाभारत में कौरवों-पांडवों के पारस्परिक संघर्ष को चित्रित किया गया है। यह जीवन के नैतिक पहलूओं पर भी प्रकाश डालता है। इसमें वर्णित पात्र साधारण मनुष्यों की तरह स्नेह, दुविधा, आत्मसम्मान आदि भावनाओं से युक्त हैं। श्री कृष्‍ण द्वारा अर्जुन को युद्धभूमि में दिया उपदेश आज भी उपयोगी है। बाल महाभारत में महाभारत की कथा को सरल, सरस भाषा में प्रस्तुत किया है ताकि किशोरवय के बालक-बालिकाएँ भी इसे सहज रूप से ग्रहण कर सकें।

Madhubun Bal Mahabharata
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